बुधवार, 25 अगस्त 2010

सुमगड़

सुमगढ़ की घटना को आज पंद्रह दिन से ज्यादा हो गए हैं । नेताओ के दौरै खत्म हो गए हैं लेकिन इलाके के लोग आज भी दहशत मैं हैं । बिजली पानी की किल्लत तो हैं ही राशन खत्म होने से दिक्कते बड़ गयी है । पनचक्किया तो पहले ही बह गयी थी । इस बार राखी के दिन पुरे इलाके मैं मातम का माहोल छाया रहा सरकार को इससे क्या फर्क पड़ता हैं । मुआवजे का मरहम क्या उन परिवारों की खुशिया लौटा सकता हैं जिनके नौनिहाल इस त्रासदी की भैंट चढ़ गए ।

1 टिप्पणी:

  1. वास्तव में बहुत दुखद त्रासदी हुयी | इस घटना से केवल उस इलाके के लोग ही नहीं; पहाड़ में कहीं भी रहने वाले लोग, सभी डर और शंका में जी रहे हैं |
    ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है | कृपया लिखते रहें |

    जवाब देंहटाएं